HDR Camera: आप सभी के मोबाइल के कैमरा में HDR का ऑप्शन Available है। इसके मदद से आप एक Clear Image Click कर सकते हैं। तो ये HDR Mode क्या है और ये काम कैसे करता है। (What is HDR Mode And How Will You Use it in Your Mobile Camera or How it Works? in Hindi )
High Dynamic Range: आप सभी ने कभी ना कभी HDR का नाम जरूर सुना होगा। यह एक ऐसा टेक्नोलॉजी है, जो आपको मोबाइल के कैमरा, डिस्प्ले, Monitor, Game या फिर Television में देखने को मिल जाता है। दरअसल इस टेक्नोलॉजी की मदद से फोटो या फिर वीडियो क्वालिटी को रियलिस्टिक बनाना है।
आसान भाषा में कहें तो ब्राइटनेस, कंट्रास्ट और कलर को मिलाकर एक ऐसा वीडियो या फोटो तैयार करना। जिसमें ज्यादा से ज्यादा डिटेल्स आ सके और दिखने में नेचुरल सा लगे और यही अगर आपके मोबाइल के डिस्प्ले या फिर आपके टीवी में हो तो आपके टीवी में जो वीडियो चल रहा है। उसमे ब्राइटनेस और कंट्रास्ट को सॉफ्टवेयर की मदद से बैलेंस कर वीडियो को नेचुरल लुक देने का प्रयास करता है।
लेकिन आज हम इस पोस्ट में आपके मोबाइल के कैमरा में जो HDR का Option है। उसके बारे में बताएंगे। HDR Kya Hai? इसके इस्तेमाल से हमारे फोटो या वीडियो में क्या फर्क पड़ता है! इसका उपयोग कब करना है और इसका उपयोग करने से हमारा क्या फायदा और क्या नुकसान है! तो चलिए एक एक कर पूरा डिटेल्स में जानते हैं।
HDR क्या होता है? – High Dynamic Range
लोग आज फोटोग्राफी के काफी शौकीन हो गए हैं और जहां कहीं भी जाते हैं। वहां अपने जिंदगी के हर एक पल को अपने कैमरे में कैद करना चाहते हैं। लेकिन आपके साथ कई बार ऐसा हुआ होगा कि आप कैमरे से फोटो क्लिक करना चाह रहे हैं। लेकिन आपका फोटो सही नहीं आ रहा है क्योंकि जहां आप फोटो Click कर रहे हैं या फिर जिस चीज का फोटो क्लिक करना चाहते हैं। उसके एक हिस्से में ज्यादा रोशनी है या फिर कहें की वे हिस्सा चमक रहा है और दूसरे हिस्से में धुंधला या रोशनी कम आ रहा है। यानी कि आपका फोटो का जो डिटेल है। वह पूरा क्लियर नहीं आ रहा है।
ऐसे में आपका फोटो बिल्कुल Dull सा आता है या फिर Overexpose हो जाता है। जिसमें एक साइड फोटो चमक रहा होता है। यानी कि वहां कुछ दिखाई नहीं दे रहा होता है। सिर्फ एक सफेद रोशनी दिखाई देता है और दूसरे साइड में रोशनी कम होने के कारण दूसरा हिस्सा धुंधला सा दिखाई दे रहा होता है। ऐसे स्थिति में HDR टेक्नोलॉजी की मदद से आप एक अच्छा फोटो क्लिक कर सकते हैं। सरल भाषा में कहें तो HDR की मदद से आप Low Light और High Light जैसे Condition में भी आप एक क्लियर फोटो क्लिक कर सकते हैं।
HDR कैसे काम करता है?
HDR में कई Exposure और अलग-अलग Shutter Speed पर कई फोटो क्लिक किया जाता है और Software या फिर Post-Processing Method से एक Final इमेज बनाया जाता है। Exposure का Basic मतलब कहें तो ब्राइटनेस होता है।
दरअसल जब आप HDR Camera से Photo Click करते हैं तो ये एक बार में तीन फोटो क्लिक करता है। ये तीनों फोटो आपके के Lighting Conditions के हिसाब से अलग-अलग Exposure पर 3 फोटो क्लिक करता है। अगर जहां आप फोटो क्लिक कर रहे हैं। वहां पर एक हिस्से में लाइट ज्यादा है। तो Low Exposure पर एक फोटो क्लिक करता है और दूसरे हिस्से में लो लाइट है तो High Exposure पर एक फोटो क्लिक करता है और तीसरा फोटो Normal Exposure पर फोटो क्लिक करता है और ये काम इतना कम समय में होता है कि आपको पता तक नहीं चलता है कि ये सब कब हो गया।
तीनों फोटो क्लिक होने के बाद ऑटोमेटिक सॉफ्टवेयर और पोस्ट-प्रोसेसिंग टेक्निक की मदद से तीनो फोटो को मिलाकर एक ऐसा इमेज तैयार होता है। जिसमें ब्राइटनेस, कंट्रास्ट और कलर को बैलेंस कर फोटो में ज्यादा से ज्यादा डीटेल्स Present करता है।
जो सब्जेक्ट है, उसके Real Value, कलर टोन और जो छाया में है और जो ज्यादा रोशनी में है। उन सभी को एक फोटो में कलर के साथ पूरा डिटेल्स के साथ एक Original फोटो जैसा इमेज बनाकर देता है। हालांकि यह और भी खूबसूरत या फिर और भी नेचुरल तब लगेगा जब आपका मोबाइल का डिस्प्ले भी HDR Display हो। आपका डिस्प्ले एचडीआर को सपोर्ट करता हो।
HDR का Full Form क्या होता है ?
HDR का Full Form High Dynamic Range होता है।
HDR का इस्तेमाल कब करें! – High Dynamic Range
यह एक ऐसा टेक्नोलॉजी है। जिसकी मदद से आप लो लाइट और हाई लाइट जैसे सिचुएशन में एक बेस्ट क्वालिटी का फोटो क्लिक करने का ऑप्शन देता है। इसका इस्तेमाल इन जगहों पर करें-
- Landscape Photography में – जब आप लैंडस्केप फोटोग्राफी करते हैं तो आपने देखा होगा कि जो आसमान है। उसमें ज्यादा ब्राइटनेस है और जो जमीन पर सब्जेक्ट हैं। वहां कम रोशनी है। तो ऐसे में आप एचडीआर का इस्तेमाल कर अपने फोटो क्वालिटी को बढ़ा सकते हैं और ज्यादा से ज्यादा डिटेल अपने फोटो में कैप्चर कर सकते हैं।
- Backlight Subject Ko Capture करने मे – कई बार क्या होता है कि जब हम फोटो लेते हैं। तो पीछे से अधिक रोशनी आ रही होती है और जो मेन सब्जेक्ट होता है वहां कम रोशनी होती है इससे वे काला दिखाई देने लगता है। तो आप ऐसे परिस्थिति में हाय डायनामिक रेंज का इस्तेमाल कर आप अपने फोटो को सुधार सकते हैं। जैसे कि जब आप खिड़की के पास फोटो लेते हैं तो ज्यादातर बार ऐसा होता है।
- Interior Shots Click करने मे – कभी-कभी क्या होता है कि जो सब्जेक्ट है उस पर तो रोशनी तेज पड़ रही है मगर जो बैकग्राउंड है वहां धुंधला है तो ऐसे में आप इसका इस्तेमाल कर एक अच्छा सा फोटो क्लिक कर सकते हैं।
- दोपहर के समय – क्या होता है कि कभी-कभी आप दोपहर में या फिर कभी आप फोटो ले रहे हो और जो सब्जेक्ट है उस पर सूर्य की तेज रोशनी पड़ रही है और वह चमक रहा है तो आप एचडीआर का इस्तेमाल कर आप इमेज को सुधार सकते हैं।
- Low Lightning Conditions में – अगर आप जहां फोटो क्लिक करना चाहते हैं वहां पर लो लाइटिंग की समस्या है तो वहां पर आपके लिए हाय डाइनेमिक रेंज एक अच्छा ऑप्शन फोटो क्लिक करने के लिए हो सकता है। लेकिन अगर बिल्कुल भी लाइट नहीं है तो ये काम नहीं करेगा।
- Architecture के Photography करते समय – अगर आप आर्किटेक्चर के फोटोग्राफी करते हैं या फिर आप कहीं घूमने जाते हैं और वहां बने किलो एवं महलों का फोटोग्राफी करते हैं तो यह आपके लिए एक बेस्ट ऑप्शन रहेगा। क्योंकि जो किलो का ऊपरी हिस्सा होता है वहां अधिक लाइक और जो नीचे का हिस्सा होता है वहां लो लाइट के प्रॉब्लम हमेशा होता है ऐसे में आप एचडीआर फोटो क्लिक कर अपने फोटो में ज्यादा से ज्यादा डिटेल कैप्चर कर सकते हैं।
इन जगहों पर HDR का बिल्कुल भी इस्तेमाल ना करें!
- एकदम अंधेरी रात में
- कोई चलता हुआ वस्तु को आप एचडीआर ऑन कर फोटो क्लिक नहीं कर सकते हैं। अगर आप एचडीआर ऑन कर कोई Moving Subject का फोटो क्लिक करते हैं। तो आपका फोटो किलियर नहीं आएगा। वह एक Shake फोटो आएगा। एकदम Blur हो जाएगा।
- जैसे – Sports में, चलती हुई किसी गाड़ी को या फिर वस्तु को। क्योंकि आप जानते होंगे कि High Dynamic Range में तीन फोटो क्लिक होता है और अगर आप कोई मूविंग सब्जेक्ट का फोटो क्लिक करते हैं। तो जो फोटो का सब्जेक्ट है। उसका पोजीशन तीनों फोटो में अलग-अलग क्लिक होगा। इससे आपका फोटो Blur आएगा।
HDR और किस क्षेत्र में इस्तेमाल होता है!
एचडीआर एक ऐसा टेक्नोलॉजी है। जो आपके मोबाइल के कैमरा में ही नहीं देखने को मिलता बल्कि यह आपके मोबाइल के डिस्प्ले में, गेम में, टीवी में, कंप्यूटर के मॉनिटर में, Medical Imaging, Graphic Designing, Printing, Scientific Imagine में भी आपको देखने के लिए मिल जाता है। यहां इसका इस्तेमाल इसलिए किया जाता है। क्योंकि जो विजुअल कांटेक्ट है। उसको Enhance करके उसमें अधिक से अधिक डिटेल्स दे सके।
ताकि उस कंटेंट को जो दिख रहा है। उसको लोग फील कर सके कि वह ओरिजिनल है और वह नेचुरल है। सरल भाषा में कहें तो जो कंटेंट आपको दिख रहा है। उसको Realistic बनाने में मदद करता है।
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