Digital India Act: आज के दिन पहले के मुकाबला भारत समेत पूरे दुनिया भर में इंटरनेट का मतलब पूरी तरह से बदल चुका है। इंटरनेट के आने के बाद हर एक चीज अब डिजिटल हो गई है और लगभग दुनिया भर के एक तिहाई से अधिक हिस्सा डिजिटलाइज हो गई है। चाहे फाइनेंस सेक्टर की बात करें, मेडिकल, एजुकेशनल या ट्रांसपोर्टिंग की सब डिस्टलाइज हो गया है।
आपके डिजिटलाइज होने के साथ ही आपकी पर्सनल डेटा से लेकर फाइनेंशियल डेटा सभी कुछ पब्लिक और इंटरनेट पर मौजूद है। इसलिए जितनी तेजी से डिजिटल दौर बढ़ रहा है। वैसे ही डेटा सुरक्षा और साइबर क्राइम के मुद्दे भी तेजी से बढ़ रही है। इन्हीं सब को कंट्रोल कर डिजिटल स्पेस को सुरक्षित और डिसिप्लिन तरीके से चलने के उद्देश्य से भारत सरकार ‘Digital India Bill‘ लेकर आ रही है। इसके कुछ अपने फायदे और नुकसान भी है और इस बिल के आने के बाद आपके डिजिटल जीवन शैली पर क्या असर पड़ने वाला है? यह सभी हम इस आर्टिकल में जानने वाले हैं।
Digital India Bill क्या है?
डिजिटल इंडिया विधेयक (Digital India Bill) वर्तमान भारत सरकार द्वारा पेश किये जाने वाला एक प्रस्तावित कानून है। जिसका उद्देश्य डिजिटलाइज्ड स्पेस को अधिक सुरक्षित, व्यवस्थित, भड़काऊ, हिंसक, गलत कंटेंट पोस्ट करने वाले के खिलाफ कार्रवाई और डीप-फेक जैसे कंटेंट पर रोक लगाने के साथ डिजिटल दुनिया को यूजर फ्रेंडली बनाना है। यह विधेयक भारत की पुरानी आईटी ऐक्ट 2000 (IT Act 2000) को रिप्लेस करेगा। जिसे वर्तमान समय की डिजिटल जरूरतों और चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।
Digital India Vidheyak के तहत इंटरनेट पर काम करने वाले सभी प्लेटफॉर्म्स, सोशल मीडिया, ई-कॉमर्स वेबसाइट्स, कंटेंट शेयरिंग प्लेटफार्म और अन्य डिजिटल सेवाओं से संबंधित प्लेटफार्म पर सरकार द्वारा कड़ी निगरानी और नियंत्रण किया जाएगा। ताकि किसी भी यूजर्स की प्राइवेसी और डेटा का गलत इस्तेमाल न हो सकें और लोगों को धोखाधड़ी होने से बचाया जाए और साथ में गलत कंटेंट वायरल करने पर रोक लगाया जा सके।
जैसे कि अपने हाल ही में देखा होगा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी की मदद से बहुत से पॉपुलर पर्सनैलिटी (रश्मिका मांडणा, सचिन तेंदुलकर और आलिया भट्ट) का Deep Fake वीडियो वायरल हुआ था। जिसे सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर शेयर किया। तो यहीं सबको रोकने और एआई टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल हो इसके लिए यह बिल लाया जा रहा है।
Digital India Bill के फायदे
- साइबर सुरक्षा में सुधार:
आज के समय में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। DIB के लागू होने से साइबर सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा, जिससे ऑनलाइन धोखाधड़ी, हैकिंग और डेटा चोरी जैसी घटनाओं को रोका जा सकेगा। - डेटा प्राइवेसी की सुरक्षा:
यह बिल यूजर्स की डेटा प्राइवेसी की सुरक्षा के लिए खास प्रावधान करेगा। इससे आपका व्यक्तिगत डेटा और जानकारी सुरक्षित रहेगी और कंपनियों को इसे बिना अनुमति के शेयर करने की इजाजत नहीं होगी। - डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर नियंत्रण:
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और अन्य ऑनलाइन सेवाओं पर सरकार की निगरानी बढ़ेगी, जिससे गलत सूचनाओं और फेक न्यूज़ को नियंत्रित करना आसान होगा। इसके अलावा, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को जवाबदेही के दायरे में लाया जाएगा। - डिजिटल इकॉनमी को बढ़ावा:
सुरक्षित डिजिटल माहौल में लोगों का भरोसा बढ़ेगा, जिससे डिजिटल लेन-देन, ई-कॉमर्स, और ऑनलाइन व्यापार में तेजी आएगी। इसका सीधा असर भारत की डिजिटल इकॉनमी पर पड़ेगा। - उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा:
यह बिल यूजर्स को अपने डेटा और ऑनलाइन अनुभव को नियंत्रित करने का अधिकार देगा। किसी भी डिजिटल कंपनी द्वारा नियमों का उल्लंघन करने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी।
Digital India Bill के नुकसान
- ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सरकार की कंट्रोल बढ़ेगी:
डिजिटल इंडिया बिल आने के बाद सरकार सभी यूजर्स के डिजिटल प्लेटफॉर्म्स जैसे सोशल मीडिया एकाउंट्स पर निगरानी रखेगी, जिससे आपकी गोपनीयता नियमों का उल्लंघन हो सकता है । इससे आपकी स्वतंत्रता खतरे में पड़ सकता है और सोशल मीडिया जैसे ऑनलाइन प्लेटफार्म पर सरकार की कंट्रोल होगी। - फ्रीडम ऑफ स्पीच खत्म हो सकती है:
कुछ लोग मानते हैं कि इस बिल के लागू होने के बाद सोशल मीडिया जैसे अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सरकार की सख्ती बढ़ने से किसी भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom of Speech) पर असर पड़ सकता है। क्योंकि, डिजिटल कंटेंट को मॉडरेट करने की प्रक्रिया में कई बार अनावश्यक सेंसरशिप का खतरा रहता है। जैसे की हाल ही में हुए ‘किसान आंदोलन’ में कुछ लोगों का और छोटे-मोटे न्यूज़ मीडिया का चैनल और ट्विटर अकाउंट भारत सरकार द्वारा बैन कर दिया गया था। - छोटे-मोटे उद्यम पर पड़ेगा असर:
डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर नए विधेयक लागू होने से छोटे और मध्यम कैटिगरी वाले व्यवसायों (SMEs) के संचालन में कठिनाइयाँ बढ़ सकती हैं। क्योंकि, बड़े-बड़े कॉरपोरेट्स के पास इतना पूंजी और संसाधन पहले से मौजूद है कि इस विधेयक के आने के बाद वह अपने बिजनेस को इसके हिसाब से अपग्रेड कर सकें। लेकिन वहीं छोटे और मध्यम व्यवसायों के लिए इन नियमों का पालन करना थोड़ा महंगा और जटिल हो सकता है। - अधिकारों का दुरुपयोग हो सकता है:
विधेयक लागू होने के बाद सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सरकार की निगरानी और नियंत्रण की अधिक पावर मिलने से, सरकार में मौजूद लोग या कोई अधिकारी इस अधिकारों का दुरुपयोग भी कर सकते हैं, जिससे डिजिटलाइज्ड यूजर्स और डिजिटल बिजनेस को अनावश्यक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। - लागू करने के लिए मोटा बजट चाहिए:
नए विधेयक को पारित होने के बाद लागू करने के लिए टेक्निकल इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत पड़ेगी। आसान शब्दों में कहें तो डिजिटल इंडिया बिल के प्रावधानों को लागू करने में मोटा निवेश और टेक्निकल प्रशिक्षण की जरूरत होगी।
निष्कर्ष और हमारा मत
Digital India Bill भारत के Digital Space को एक नया स्वरूप और डिजिटल स्पेस सिक्येर करने की क्षमता रखता है। इसके फायदे जैसे साइबर अटैक में सुधार, डेटा प्राइवेसी की सेफ्टी और डिजिटल इकॉनमी को बढ़ावा देने से लोगों का ऑनलाइन स्पेस में एक्सपीरियंस बेहतर होगा। लेकिन इस बिल के कुछ संभावित नुकसान भी हैं। खासकर, यूजर्स की स्वतंत्रता और सरकार की निगरानी के संदर्भ में।
अंततः, इस बिल की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि सरकार इसे किस तरह से लागू करती है और कैसे इसे Balanced Way से Use करेगी है। आसान शब्दों में कहे तो यह नियम पूरी तरह से लागू करने वाले पर निर्भर होगा कि इसे कैसे और किस तरीके से संचालित करेगी। क्योंकि, नियम कितना ही कड़ा और जनता के हित में क्यों न बन जाए पर अगर मानने वाले सही नहीं होंगे। तो कोई भी नियम जनता के हित में काम नहीं करेगा। बल्कि उससे लोगों को नुकसान ही होगा।
जैसे की हाल ही में घाटे घटना ‘किसान आंदोलन’ की बात करें तो इसमें बहुत से ऐसे छोटे-मोटे युटुब क्रिएटर या फिर काहे न्यूज़ क्रिएटर थे। जो किसान आंदोलन को लाइव करते थे या उसके बारे में खबर चलाते थे। उसके बारे में बताते थे। तो उनका चैनल सोशल मीडिया पर से हटा दिया गया था। और इसके साथ ही बहुत से ऐसे किसान और किसन नेता थे। उनके भी सोशल मीडिया अकाउंट्स को बंद कर दिया गया था। जो उन सभी किसान और छोटे-मोटे न्यूज़ क्रिएटर के फ्रीडम ऑफ स्पीच का उल्लंघन था।
तो सरकार पहले यह सुनिश्चित करें कि यह विधेयक जनता के हित में है। इसलिए इसे लागू करना आवश्यक है। ताकि लोगों की डिजिटल स्वतंत्रता और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित हो सके।