Ethanol 100: गाड़ियां अभी बाजार में मुख्य प्रकार से चार प्रकार के अवेलेब्ल हैं। जिसमें आपको सबसे पहले डीज़ल, पेट्रोल, CNG और बैटरी से चलने वाली गाड़ियां उपलब्ध है और डीजल पेट्रोल महगें होने के साथ-साथ प्रदूषण भी ज्यादा करता है। जिससे आजकल प्रदूषण इतना ज्यादा बढ़ गया हैं की शहर में रहने वाले लोगों का जीवन अभी अस्त-वयस्त हो चूका है।
इसी से निजाद पाने के लिए अब एक और नए तरीका का सस्ता और प्राकृतिक उत्पाद जैव-ईंधन (Ethanol 100) से चलने वाला गाड़ी को लॉन्च किया है। इस ईंधन को मुक्ख रूप से गन्ने के खोई से तैयार किया जाता है और साथ ही सड़े सब्जियों, सड़े आलू, मक्का और अन्य प्रकार के नेचुरल उत्पाद से भी तैयार किया जाता हैं। इससे प्रदूषण बहुत कम होता है और साथ में डीजल और पेट्रोल के मुकाबले यह काफी सस्ता और इको फ्रेंडली है। तो चलिए इस नए जैव ईंधन एथेनॉल 100 के बारे में संक्षिप्त रूप से जानते हैं और इससे गाड़ियां कैसे चलेगी।
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मक्का, ईख, सड़े सब्जियों और सड़े आलू से दौड़ेगी अब सभी गाड़ियां
अगर आज के दिन कोई आपसे कहे की अब आपका गाड़ी मक्का, गन्ने की खोई और सड़े गले सब्जियों और आलुओं से आपका गाड़ी रोड पर दहाड़ मारकर दौड़ेगी। तो आपको यह विश्वास नहीं होगा। लेकिन अभी यह संभव है। आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय (हरदीप सिंह पुरी) ने एक प्राकृतिक ईंधन इथेनॉल 100 को लॉन्च किया है और यह प्राकृतिक इथेनॉल 100 ईंधन की बिक्री 183 से अधिक पेट्रोल पंप पर बिक्री के लिए उपलब्ध भी हो गया है।
बहुत जल्द आपको 18 अप्रैल 2024 तक यह 400 से अधिक पेट्रोल पंप पर एथेनॉल 100 की बिक्री के लिए अवेलेबल होगा। जिसमें आपको महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश जैसे शहर शामिल होगी। इन सभी शहरों में सबसे पहले 100-100 पेट्रोल पंप पर इथेनॉल 100 की बिक्री शुरू की जाएगी। इसका उपयोग करने वालों लोगों को प्रति लीटर ₹20 की बचत होगी और गाड़ियों से निकलने वाला हानिकारक गैस से भी छुटकारा मिलेगा। इससे बढ़ाते ग्लोबल वार्मिंग को भी रोका जा सकता है।
एथेनॉल 100 क्या है और कैसे तैयार किया जाता है?
इथेनॉल पेट्रोल का एक हरित और स्वच्छ विकल्प है और यह एक प्रकार का अल्कोहल है। जो Ethyl Alcohol (C₂H₆O) के रूप में जाना जाता है। इथेनॉल 100 में 92% से 94% इथेनॉल की मात्रा होती है और 4-5% मोटर स्पिरिट और 1.5% सॉल्वेंट हायर सैचुरेटेड अल्कोहल का मिश्रण होता है।
जिसे प्राकृतिक स्टार्च कंटेनिंग सामग्री से बनाया जाता है। जैसे मक्का, गेहूं, सड़े आलू, सड़े सब्जियां, कसावा, गन्ना और एग्री क्रॉप के पौधों के कंटेंट से तैयार किया जाता है। परंतु इथेनॉल को मुख्य रूप से ईख के फसल के साथ कई और भी चीजों से तैयार किया जाता है।
इथेनॉल 100 का उपयोग और फायदे
इसे वाहनों में पेट्रोल के साथ मिलकर फ्यूल के रूप में उपयोग किया जाता है। जिससे खेती से जुड़े लोगों और पर्यावरण दोनों को फायदे होते हैं। क्योंकि इस तरह का ईंधन यूज करने वाला वाहन पर्यावरण और ईको फ्रेंडली होती है।
इथेनॉल 100 ईंधन का जितना ज्यादा लोग यूज करेंगे उतना ही ज्यादा प्रदूषण कम होगा और हमारा वातावरण स्वच्छ रहेगा। इससे ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े इकोनामिक को भी फायदा होगा। यह एक जैव ईंधन है। जो ग्रीनहाउस जैसे हानिकारक गैसों का कम उत्सर्जन करता है। इससे वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिलता है।
पेट्रोल के जगह इथेनॉल 100 को गाड़ी में उपयोग करने से क्या होगा?
इथेनॉल 100 को अपने वहनों में उपयोग करने से पेट्रोल से होने वाला प्रदूषण को कम किया जा सकता है और इससे आपका वाहन 35% कम कार्बन मोनोऑक्साइड उत्सर्जित करेगा और साथ ही सल्फर डाइऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन का उत्सर्जन को भी कम करता है।
इस वायो-फ्यूल का उपयोग से इसमें मौजूद 35% ऑक्सीजन के चलते यह ईंधन नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन भी कम करता है। इथेनॉल के साथ पेट्रोल वाले मिलावट ईंधन से चलने वाला सभी गाड़ियां पेट्रोल गाडियां के मुकाबले इसके इंजन बहुत कम गर्म होती है। क्योंकि अल्कोहल बहुत जल्दी उड़ जाता है। जिससे गाड़ी का इंजन आपका कम गर्म होता है।
इथेनॉल 100 की जरूरत क्यों पड़ी?
अभी के समय में जितने भी वाहन है। उसमें उपयोग होने वाला ईंधन बहुत ज्यादा प्रदूषण करता है। जिससे प्रकृति को बहुत ज्यादा नुकसान होता है। वही एथेनॉल 100 एक इको फ्रेंडली और सस्ता ईंधन है। जो जीवाश्म ईंधन के होने वाले खतरों से सुरक्षित रखता है।
Ethanol 100 से पेट्रोल और डीजल से निकलने वाला कार्बन डाइऑक्साइड को 80% तक कम किया जा सकता है और किसानों के लिए यह एक नया आय का स्रोत भी बन सकता है। जिससे लोगों को रोजगार मिल सकता है और जैव ईंधन को बढ़ावा देगा। जो हमारे देश की अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
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Very nice article bro