AMOLED Display: जब भी आप कोई नया फोन या नया स्मार्ट टीवी या स्मार्ट बेयेरवेल डिवाइस खरीदने जाते हैं। तब आपको AMOLED p-OLED, OLED और इत्यादि जैसे मिलते जुलते टर्मिनोलॉजी सुनने को मिलता होगा और ये सब सुनकर आप भी कंफ्यूज हो जाते हैं कि यह सब क्या है।
तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको यह क्लियर कर देंगे की AMOLED, Super AMOLED, p-OLED और OLED का मतलब क्या होता है। कौन सा आपके लिए बेस्ट है। इन सभी टेक्नोलॉजी में क्या अंतर है। यह सब इस आर्टिकल में क्लियर हो जाएगा। बस आपको इस आर्टिकल में शुरू से अंत तक बने रहना है।
अमोलेड (AMOLED) क्या है?
AMOLED स्मार्ट डिवाइस के डिस्प्ले में इस्तेमाल होने वाली एक प्रकार की टेक्नोलॉजी है। जैसे स्मार्टफोन, टेलीविजन, लैपटॉप, मोबाइल टैबलेट, स्मार्ट वॉच, इत्यादि। जिसमें कोई भी एंगल से इमेज देखने पर क्लियर नजर आता है। अमोलेड डिस्प्ले में अलग से बैकलाइट की जरूरत नहीं होती है। क्योंकि, इसमें हर एक पिक्सल खुद से लाइट जनरेट करता है। जिसमें तीन और Sub-Pixels होते हैं। जिससे RGB लाइट जनरेट करते हैं।
AMOLED का फुल फॉर्म एक्टिव मैट्रिक्स ऑर्गेनिक लाइट एमिटींग डायोड (Active Matrix Organic Light Emitting Diode) होता है। जिसका मतलब हुआ कि हर एक पिक्सल खुद लाइट जनरेट करेगा और इसमें जब ब्लैक कलर जनरेट करना होता है। तब वह पिक्सल पूरी तरह से बंद हो जाता है। जिससे आपका फोन की बैटरी का बचत भी होता है और साथ में Viewing या कहें Multimedia Experience भी रियल बनता है।
AMOLED डिस्प्ले पर कलर भी अच्छा निखर कर आता है। कहने का तात्पर्य है कि एमोलेड डिस्प्ले में कलर, कंट्रास्ट और ब्राइटनेस बैलेंसिंग अच्छा होता है। जिससे मल्टीमीडिया एक्सपीरियंस बेहतर होता है और आपकी आंखों के लिए भी थोड़ा आरामदायक होता है। अमोलेड डिस्प्ले एलसीडी डिस्प्ले के मुकाबले थोड़ा लचीला और पतला होता है। जो किसी भी स्मार्ट डिवाइस को फिट एंड स्लिम और फोल्डेबल डिवाइस बनाने में अहम भूमिका निभाता है।
AMOLED डिस्प्ले को सैमसंग सबसे पहले इंट्रोड्यूस किया है। इसलिए आपको सैमसंग के प्रोडक्ट में आपको अमोलेड Super AMOLED और Super AMOLED Plus डिस्प्ले देखने को मिलता है।
AMOLED और Super AMOLED में अंतर
सुपर अमोलेड AMOLED का एडवांस वर्जन है। जिसमें कंपनी ने टच और डिस्प्ले को कंबाइन कर दिया है और इसे पेटेंट कर कंपनी सुपर अमोलेड का नाम दिया। यह डिस्प्ले आपको सिर्फ सैमसंग के प्रोडक्ट में ही देखने को मिलता है। इसमें टच सेंसर और डिस्प्ले एंट्री गेट होने के कारण डिस्प्ले और भी पतला और रेस्पॉन्सिव हो जाता है। जिससे आपको ज्यादा रिफ्रेश रेट वाला स्क्रीन मिलता है और इसमें ज्यादा ब्राइटनेस, बढ़िया कलर रिप्रोडक्शन और दिन के रोशनी में भी बढ़िया विजिबिलिटी ऑफर करता है।
इसी तरह से बाकी भी सभी डिस्प्ले है। जो अमोलेड ही है। बाकी मार्केटिंग करने और खुद का प्रोडक्ट लॉन्च करने के लिए उसमें थोड़ा बहुत चेंज कर। मार्केट में प्रोडक्ट को उतार दिया।
Super AMOLED Plus और AMOLED में अंतर
सुपर अमोलेड डिस्पले टेक्नोलॉजी AMOLED का हीं एक अपग्रेडेड वर्जन है। जिसमें ज्यादा Sub-Pixels (RGB Matrix) होते हैं। यानी की इस टेक्नोलॉजी में पिक्सल अरेंजमेंट बेहतर होता है। जिसके वजह से इसमें इमेज क्वालिटी इंप्रूवमेंट, कलर एक्यूरेसी के साथ मिलती है। जिसकी वजह से टेक्स्ट और इमेज और भी ज्यादा वाइब्रेंट और क्लियर नजर आता है।
Daynamic AMOLED Display क्या होता है?
Daynamic AMOLED सैमसंग का ही टेक्नोलॉजी है। जो अमोलेड का एडवांस्ड वर्जन है। इसमें डिपर ब्लैक और ज्यादा Nits Brightness लेवल प्रोवाइड करता है। साथ ही ब्लू लाइट फिल्टर के साथ आता है। जो आपकी आंखों के स्ट्रैंथ को कम करता है। Dynamic AMOLED Technology HDR10+ सर्टिफिकेशन सपोर्ट के साथ आता है। जिससे और भी ज्यादा Colour Gamut को सपोर्ट करता है। जिससे मल्टीमीडिया एक्सपीरियंस में कलर्स ज्यादा रियलिस्टिक और इमर्सिव लगता है।
ओलेड डिस्पले (OLED Display) क्या होता है?
OLED भी एक प्रकार का अमोलेड ही है। जिसे इसे LG कंपनी द्वारा मैन्युफैक्चर किया जाता है। इसलिए आपको यह टेक्नोलॉजी सबसे पहले LG के प्रोडक्ट में देखने को मिला था। जिसका मतलब ऑर्गेनिक लाइट एमिटिंग डायोड होता है।
OLED Full Form क्या होता है?
OLED का फुल फॉर्म Organic Light Emitting Diode होता है।
पोओलेड डिस्पले (p-OLED Display) क्या होता है?
किसी भी एमोलेड डिस्प्ले के नीचे में एक Substrate नाम का एक सब्सटेंस लगा हुआ होता है और वह सब्सट्रैक्ट p-OLED में प्लास्टिक का बना होता है। इसी कारण से इसे p-OLED कहते हैं। प्लास्टिक का होने से डिस्प्ले को और भी पतला और लचीला बन जाता है। जिसे डिस्प्ले और भी हल्का और अनब्रेकेबल बनती है। इसी वजह से यह टेक्नोलॉजी कर्व्ड या फोल्डेबल डिस्प्ले में यूज़ किया जाता है और प्लास्टिक का होने के कारण इसका दाम भी कम हो जाता है।
p-OLED और G-OLED में अंतर
वहीं अगर सब्सट्रैक्ट ग्लास का होता तो उसे को G-OLED कहते हैं। यह p-OLED के मुकाबले थोड़ा मोटा और कम फ्लैक्सिबल होता है और ज्यादा कॉस्टली पड़ता है।
p-OLED Full Form क्या होता है?
p-OLED का फुल फॉर्म Plastic Organic Light Emitting Diode होता है।
Q-OLED Display क्या होता है?
यह टेक्नोलॉजी अमोलेड से ज्यादा एक्यूरेट कलर और ब्राइटनेस लेवल प्रोवाइड करता है। जो कि आपको हाइड एंड डिस्प्ले में देखने को मिलता है। इसमें क्वांटम डॉट टेक्नोलॉजी को अमोलेड के साथ इंटीग्रेटेड कर दिया गया है। जिससे और भी ज्यादा तो वाइब्रेंट कलर और ब्राइटनेस लेवल निकाल कर देता है।
Flexible AMOLED Display क्या होता है?
AMOLED का हीं एक एडवांस वेरिएंट फ्लैक्सिबल अमोलेड टेक्नोलॉजी है। जो फ्लैक्सिबल और फोल्डेबल डिस्प्ले के लिए डिजाइन किया जाता है। इसी टेक्नोलॉजी के कारण आज आप फोल्डेबल, Rollable Smart Device, Curved Display और मुड़ने वाला स्मार्ट डिवाइस बनाना पॉसिबल हो सका है। ऐसे स्क्रीन को आप आसानी से फोल्ड और मोड़ सकते हैं।
Transparent AMOLED Display क्या होता है?
आजकल सोशल मीडिया पर ट्रांसपेरेंट डिस्प्ले का वीडियो या फोटो बहुत ज्यादा वायरल होता है। तो आपने जरूर इस प्रकार का वीडियो देखा होगा। यह सब ट्रांसपेरेंट अमोलेड डिस्पले टेक्नोलॉजी का ही कमाल है। इसमें सभी पिक्सल ट्रांसपेरेंट होता है। जिसकी वजह से ट्रांसपेरेंट डिस्प्ले बनाना संभव हो सका है। इस एडवांस्ड अमोलेड टेक्नोलॉजी को AR एक्सपीरियंस और स्पेशल डिस्प्ले एप्लीकेशन में इस्तेमाल किया जाता है।
निष्कर्ष
AMOLED और Super AMOLED को खरीद लेने से ही आपको बेहतर क्वालिटी और एडवांस टेक्नोलॉजी वाला आपको डिस्प्ले नहीं मिलने वाला है। यह कई और भी ऐसे फैक्टर होते हैं। जिस पर डिपेंड करता है। जैसे की डिस्प्ले के ब्राइटनेस पर, Color Gamets, Pixel और Sub-Pixels का लेआउट कैसा है। उन पर डिपेंड करता है। ब्रांड ने उस डिस्प्ले को कैसे Tune किया है। इन सभी फैक्टर पर डिपेंड करता है।
आशा करते हैं कि इस आर्टिकल के पढ़ने के बाद अमोलेड डिस्पले टेक्नोलॉजी के बारे में आपको जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही इनफॉरमेशन आर्टिकल पढ़ने के लिए आप हमें गूगल न्यूज़, टेलीग्राम और व्हाट्सएप चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।